आतंक पर बड़ी चोट, CIA ने ड्रोन स्ट्राइक में अलकायदा सरगना अल जवाहिरी को मारा

 Al-Qaeda Al-Zawahari killed: अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को CIA ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में मार गिराया है. अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि 2011 में इसके संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से आतंकवादी समूह को सबसे बड़ा झटका लगा है. 


वाशिंगटन,02 अगस्त 2022,(अपडेटेड 02 अगस्त 2022, 6:27 AM IST) 

अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में मार गिराया है. अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि 2011 में इसके संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से आतंकवादी ग्रुप को सबसे बड़ा झटका लगा है.
मिस्र के डॉक्टर और सर्जन जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) के दोनों टावर्स से टकरा गए थे. जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया. चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था. इस घटना में 3,000 लोग मारे गए थे. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस ऑपरेशन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने जवाहरी के मारे जाने की पुष्टि की. बाइडेन ने कहा कि शनिवार को मेरे निर्देश पर अफगानिस्तान के काबुल में सफलतापूर्वक ड्रोन स्ट्राइक की गई, इसमें अलकायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी की मौत हो गई. अंत में उन्होंने कहा- अब न्याय मिल गया है. 

बाइडेन ने आगे कहा- अमेरिका अपने नागरिकों की रक्षा करता रहेगा और हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ संकल्प और क्षमता का प्रदर्शन करना जारी रखेंगे. आज हमने स्पष्ट किया है. चाहे कितना भी समय लगे. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां छिपने की कोशिश करते हैं. हम आपको ढूंढ निकालेंगे. 
अमेरिकी अधिकारियों में से एक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में CIA ने एक ड्रोन हमला किया था. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ
आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया है. ये ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ.
ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अयमान अल-जवाहिरी अलकायदा का चीफ बन गया था. फोटो- (Reuters)


जवाहिरी के मारे जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान आतंकी सरगना को  शरण दिए था. इससे पहले अफगानिस्तान में पिछले 20 साल तक अमेरिकी सेना की तैनाती रही है. वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में एक हमले की पुष्टि की और इसकी कड़ी निंदा की और इसे 'अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों' का उल्लंघन बताया. 
बताया जाता है कि रविवार तड़के काबुल में जोरदार धमाका हुआ था. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने 
पहले कहा- 'शेरपुर में एक घर को रॉकेट से निशाना बनाया गया. कोई हताहत नहीं हुआ. ये घर खाली था. तालिबान के एक सूत्र ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उस सुबह काबुल के ऊपर से ड्रोन के उड़ने की खबरें आई थीं
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